शाम ढ़लते ही दिए जलते हैं, आग लगती है सीने में, कदम पड़ते हैं मयखाने में। जाम तो हम शाम ढ़लते ही दिए जलते हैं, आग लगती है सीने में, कदम पड़ते हैं मयखाने में। ...
मिला नहीं चरागा़ं कोई गुमनामी के अंधेरो में मिला नहीं चरागा़ं कोई गुमनामी के अंधेरो में
हर लम्हा हर लम्हा
गली में गली, गली में गली,,,, गली से होकर,घाट पर चला,,,, बढ़ा हुआ था, गंगा जी का प्रव गली में गली, गली में गली,,,, गली से होकर,घाट पर चला,,,, बढ़ा हुआ था, गंगा ...
वर्तमान में कई महिला, उत्पीड़न दहेज़ शोषण का शिकार बन कर जी रही नारकीय जिंदगी, झू वर्तमान में कई महिला, उत्पीड़न दहेज़ शोषण का शिकार बन कर जी रही नारकीय...
देह से थे कमजोर मगर, दिल में स्वतन्त्रता के अंगारे, जलती धूप में सोचे वह, कैसे अत्य देह से थे कमजोर मगर, दिल में स्वतन्त्रता के अंगारे, जलती धूप में सोचे वह,...